हवाई यात्रा के टिकट क्यों महंगे हो गए?

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संसद के शीतकालीन सत्र के आठवें कार्य दिवस पर, सोमवार (19 दिसंबर) को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा में हवाई यात्रा महंगी होने को लेकर जवाब दिया. सिंधिया ने हवाई यात्रा टिकट के दामों में बढ़ोतरी को लेकर कई कारण गिनाए.

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ”प्री-कोविड के मुकाबले एयर टरबाइन फ्यूल के दाम दोगुना से ज्यादा बढ़ गए हैं. इंटरनेशनल मार्केट में पहले यह 53 हजार रुपये प्रति बैरल था, जो अब एक लाख 17 हजार रुपये प्रति बैरल हो गया है. एयरलाइंस की 50 फीसदी इनपुट कॉस्ट एयर टरबाइन फ्यूल की होती है. यह हाई सीजन चल रहा है, इसमें दाम बढ़ते हैं.

एडवांस में टिकट लेना सस्ता’

नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा, ”एडवांस में टिकट लेने पर सामान्य दाम लगते हैं लेकिन एन मौके पर टिकट के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है.” सिंधिया ने कहा, ”उड़ान योजना में हम टिकट सस्ता देते हैं ताकि छोटे शहरों के जिन रूटों पर ट्रैफिक कम रहता है, वहां आवाजाही बनी रहे.

इसलिए भी महंगे टिकट

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हवाई टिकट महंगे होने के पीछे और भी कई कारण हैं. हवाईअड्डों का निजीकरण भी एक वजह मानी जाती है. हवाई यात्रा के टिकट में एयरपोर्ट टैक्स और चार्ज आदि शामिल होते हैं, इसलिए यात्रियों को ज्यादा दाम चुकाने पड़ते हैं.

राज्यसभा से विपक्ष का वॉकआउट

संसद सत्र के दौरान दोनों सदनों में जोरदार हंगामा देखा दा रहा है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत कई नेता सोमवार को उच्च सदन में कार्यवाही शुरू होने के बाद वॉकआउट कर गए. कांग्रेस ने तवांग झड़प मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, चीन हमारी जमीन कब्जा रहा है. अभी चर्चा नहीं करेंगे तो कब करेंगे?”

कांग्रेस नेता ने कहा, ”हम चर्चा के लिए तैयार लेकिन सरकार इसमें शामिल नहीं हो रही.” केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पलटवार किया, ”पहले भी कई अहम विषयों पर इतिहास में चर्चा नहीं हुई है.” भारत-चीन विवाद पर चर्चा के लिए दिया गया नोटिस खारिज किए जाने के बाद विपक्ष राज्यसभा से वॉकआउट कर गया.

पीयूष गोयल बोले- इस विषय को विराम देना चाहिए था

विपक्ष की ओर से कथित हंगामा किए जाने को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ”विपक्ष, खासतौर पर कांग्रेस पार्टी बहुत निचले स्तर पर राजनीति कर रही है. कई ऐसे संवेदनशील विषय होते हैं जिन पर UPA सरकार के दौरान भी चर्चा नहीं की जाती थी. इस बार भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में स्पष्ट रूप से अपना बयान रखा. मैं समझता हूं कि उसके बाद इस विषय को विराम देना चाहिए था लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हमारी सेना को हतोत्साहित कर रहे हैं. राहुल गांधी ने जिस प्रकार के बयान दिए, उससे मैं समझता हूं कि सेना का मनोबल टूटता है.